चोथा स्थान दृदय का प्रतिनिधित्व करता है। इसे चेतन और ब्रह्म का निवास स्थान भी कहा जाता है। इसलिए कपट या शुद्ध ह्रदय के लिए इस स्थान का विचार किया जाता है .
1. चन्द्र, गुरु, बुध, शुक्र, में से कोई भी गृह अपनी उच्च राशि में ये सवा राशि में हो और सुख भाव में हो तो व्यक्ति शुद्ध ह्रदय का होता है.
2. सुख भाव का स्वामी सवा राशि , उच्च राशि या मूल त्रिकोण में हो तो भी व्यक्ति अच्छे ह्रदय का होग।
3. लग्नेश चौथे में हो और उसे पाप ग्रह न देख रहे हो.
4. सुख इस्थान में रहू के साथ एक या एक से अधिक पाप गृह बैठा हो तो उसका विश्वास नहीं करना चाहिए।
वीर योग :
वीर पुरुष हर दृष्टि से अच्छा होता है। ज्योतिष में वीर व्यक्ति को जान्ने के लिए योग दिए होते हैं -
1. बलवान मंगल अगर सातवे स्थान में हो तो व्यक्ति वीर होता है।
2. तीसहे स्थान में छ्टे स्थान में या ग्यारहवे स्थान में सूर्य , शनि, मंगल या रहू हो तो व्यक्ति वीर होता है परन्तु ग्रहों का बल अच्छा होना चाहिए।
3. खिलाडियों के ग्यारहवे भाव में कोई न कोई शुभ ग्रह होता है .
4. व्यक्ति किसी क्षेत्र में कितना यश प्राप्त करेगा इसके लिए लग्न और नवे भाव का विचार करना चाहिए .
नोट : अगर योग दिखाई पड़ने पर भी व्यक्ति अपने क्षेत्र में निपुन न हो तो इसके लिए ग्रहों की राहियो से युति और उनका बल साथ में उनपर दृष्टि का विचार करना चाहिए उसके बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए।
अगर कोई योग कम है तो उसे शक्ति दिया जा सकता है उसके लिए अपने सलाह कार से उचित मार्गदर्शन लेकर प्रयोग करना चाहिए।
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ज्योतिष में शुद्ध ह्रदय योग और वीर योग | Astrology, Good Heart and Power Yoga.
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